मुजफ्फरनगर। हिन्दुस्तान सिटी न्यूज
दस शिक्षण संस्थानों में हुए करीब 46.36 लाख की छात्रवृत्ति घोटाले में कुछ प्रभावशाली भी लोग शामिल है। इन प्रभावशाली लोगों के प्रभाव के कारण छात्रवृत्ति घोटाले में रिपोर्ट दर्ज होने में करीब दो माह लगे है। दो माह तक इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पत्रावली, तहरीर अधिकारियों की मेज पर ही घूमती रही। इस मामले में छात्रवृत्ति के साथ कुछ शिक्षण संस्थानों में आईएनओ व एचओआई की नियुक्ति को लेकर भी बडा खेल हुआ है। नियमों को ताक पर रखते हुए शिक्षण संस्थानों में आईएनओ और एचओआई की नियुक्ति की गई है।
भारत सरकार के द्वारा वर्ष 2021-22 की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति को लेकर जांच कराई गई है। खंड शिक्षा अधिकारियों की टीम ने जनपद के 17 शिक्षण संस्थानों में छात्रवृत्ति को लेकर जांच की। जांच में दस बडे शिक्षण संस्थानो में करीब 46.36 करोड की छात्रवृत्ति घोटाना सामने आया। जिसमें मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज, श्रीराम कॉलेज ऑफ फार्मेसी और इस्लामिया डिग्री कॉलेज जैसे बड़े शिक्षण संस्थान भी शामिल हैं। करीब 336 अपात्रों को पात्र बनाकर इस घोटाले को अंजाम दिया गया। प्रारंभिक जांच होने पर 18 जून को इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए वरिष्ठ सहायक अजलान शाह के द्वारा थाना सिविल लाइन में तहरीर और पत्रावली दी गई। काफी दिनों तक पत्रावली थाने में रखी रही। इसके बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मैत्री रस्तोगी के द्वारा एसएसपी को पत्रावली और तहरीर दी गई। उनके स्तर पर भी काफी दिनों तक कोई कार्रवाई नहीं हो पायी। करीब दो माह तक यह मामला अटर में लटका रहा। शासन स्तर से पूछे जाने पर 12 अगस्त में इस मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है। कई शिक्षण संस्थानों में आईएनओ व एचओआई की नियुक्ति को लेकर खेल हुआ है। दस शिक्षण संस्थानों में कई संस्थान ऐसे है जिनमें एक ही व्यक्ति और महिला आईएनओ, एचओआई बनाए गए है।
