मुजफ्फरनगर ।
चेयरपर्सन मीनाक्षी स्वरूप और ईओ डा. प्रज्ञा सिंह के द्वारा नगर पालिका की बिगडी व्यवस्था को सुधारने के प्रयास किए जा रहे है। नगर पालिका ईओ की बिना स्वीकृित के दो वार्डों के निर्माण कार्यो के वर्क ऑर्डर कैसे जारी हुए इसकी जांच पडताल की जा रही है। निर्माण कार्यों वर्क ऑर्डर प्रकरण में पालिका के दो लिपिकों की गर्दन फंसी हुई है। इनमें से एक लिपिक पर कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। नगर पालिका ईओ ने इस मामले में जांच करते हुए ठेकेदार से भी जवाब तलब किया है। जांच में सामने आया है कि डिस्पैच रजिस्टर और अन्य दस्तावेजों पर एक लिपिक के द्वारा हस्ताक्षर किए गए है।
करीब 100 निर्माण कार्यों के लिए अनुबंध होने के बाद इनके वर्क ऑर्डर पर पालिका ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने हस्ताक्षर करते हुए निर्माण विभाग को ठेकेदारों को जारी करने के लिए स्वीकृति प्रदान कर दी थी, लेकिन इसी बीच पूल का शोर मचा गया और डीएम के दरबार में शिकायत पहुंच गई। ईओ डा. प्रज्ञा सिंह ने निर्माण विभाग के अधिकारियों और लिपिकों को वर्क ऑर्डर जारी नहीं करने की सख्त हिदायत दी। इसके बाद भी दो वार्डों 25 और 07 के लिए स्वीकृत कार्यों के वर्क ऑर्डर निर्माण विभाग से ठेकेदारों को जारी हो गए। 41 सभासदों की शिकायत पर ईओ ने जांच की और 34 निर्माण कार्यों को गलत साबित होने पर निरस्त करने की संस्तुति कर चेयरपर्सन को रिपोर्ट भेजी। चेयरपर्सन ने 31 निर्माण कार्य निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया। वार्ड 25 और वार्ड 07 के निर्माण कार्य को जनहित में आवश्यक मानकर पूर्ण कराने के निर्देश दिये गये। ईओ ने दोनों कार्यों के वर्क ऑर्डर रोक के बावजूद भी ठेकेदारों को जारी कर दिये जाने के मामले में निर्माण विभाग के लिपिक मनोज कुमार और निपुण कन्नौजिया से जवाब मांगा। दोनों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए है।
नगर पालिका ईओ ने बताया
निर्माण विभाग के दोनों लिपिक मनोज कुमार और निपुण कन्नौजिया ने एक दूसरे पर आरोप लगाया है। डिस्पैच रजिस्टर आदि पर मनोज के हस्ताक्षर पाए गए है। इस मामले में कार्रवाई के लिए रिपोर्ट चेयरपर्सन को दी जा रही है।
डा. प्रज्ञा सिंह, ईओ नगर पालिका
